यूटिलिटी डेस्क. ब्रेस्ट कैंसर भारत में महिलाओं को प्रभावित करने वाले सबसे घातक कैंसर में से एक है। देश में महिलाओं को होने वाले कैंसर के मामलों में एक चौथाई इसी से जुड़े हैं। इस रोग की इतनी ऊंची दर के बावजूद महिलाओं के बीच इसके बारे में जागरूकता और वित्तीय तैयारी बहुत कम है।
फ्यूचर जनराली इंडिया लाइफ इंश्योरेंस के एक सर्वे के मुताबिक 65% से अधिक महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर के इलाज में आने वाले खर्च से अनजान हैं। विभिन्न शहरों में कराए गए इस सर्वे में करीब 72% उत्तरदाताओं ने कहा कि ब्रेस्ट कैंसर के लिए खास इंश्योरेंस प्लान उपलब्ध है उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। ज्यादातर ने यही कहा कि यदि उन्हें यह रोग हुआ तो वे इलाज के लिए पैसे उधार लेंगी। व्यक्तिगत बचत इस्तेमाल करेंगी या पर्सनल लोन लेंगी।
लोगों को प्रभावित करने वाली गंभीर बीमारियों में कैंसर सबसे घातक है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के मुताबिक, 2020 तक भारत में कैंसर के 17.3 लाख नए मामले दर्ज होने और 8.8 लाख से अधिक मौत होने का अंदेशा है। ब्रेस्ट कैंसर के ज्यादातर मामले एडवांस स्टेज में पता चल पाते हैं। इनमें अधिक विशिष्ट उपचार की जरूरत होती है।
इसका इलाज कितना महंगा होगा यह इसके प्रकार/स्टेज, इलाज के तरीके और संबंधित अस्पताल पर निर्भर करता है। ब्रेस्ट कैंसर के इलाज का खर्च 2.5 लाख से 20 लाख रुपए के बीच हो सकता है। लगभग 50% महिलाएं यही मानती हैं कि इसके इलाज पर 2 लाख रुपए तक खर्च आता होगा। यह एक खराब फाइनेंशियल प्लानिंग है और ऐसी घातक बीमारी होने पर परिवार पर अचानक खर्च का बड़ा बोझ आ सकता है।
छिपे खर्च और इनसे निपटने के उपाय
यदि आपने फाइनेंशियल प्लानिंग कर रखी है तो ऐसी डायग्नोस्टिक टेक्नोलॉजी उपलब्ध है जो शुरुआत में ही इस कैंसर का पता लगा सकती हैं और समय पर इलाज करवाकर इससे मुक्त हुआ जा सकता है। जब आप फाइनेंशियल प्लानिंग करते हैं तो इलाज, दवाओं के खर्च के अलावा कुछ छिपे खर्च भी होते हैं। इनमें लॉस ऑफ इनकम, लंबी अवधि तक देखभाल, दूसरे शहर में इलाज के लिए आने-जाने और होटल में रहने का खर्च, दवाएं महंगी होने से जैसे शामिल हैं।
कैंसर इंश्योरेंस प्लान अलग से क्यों?
कैंसर से लड़ने के लिए आर्थिक रूप से सुरक्षित होने का सबसे अच्छा तरीका बेसिक हेल्थ इंश्योरेंस के अलावा कैंसर-स्पेसिफिक इंश्योरेंस प्लान लेना है। ऐसे प्लान कैंसर की शुरुआती स्टेज से लेकर एडवांस स्टेज तक के खर्च को कवर करते हैं।
एक मेडिक्लेम पॉलिसी अस्पताल में भर्ती और संबंधित खर्चों तक ही सीमित है जबकि कैंसर इंश्योरेंस पॉलिसी रोगी को भर्ती होने से ऊपर के फायदे मुहैया कराती है। यह अपेक्षाकृत कम प्रीमियम पर कॉम्प्रिहेंसिव कवरेज की पेशकश करती है। यह वित्तीय व मानसिक सुरक्षा भी देती है क्योंकि इमसें डाइग्नोज, इलाज और सर्जरी के विभिन्न चरणों में एकमुश्त राशि मिलती है।
ज्यादातर इंश्योरेंस प्लान प्रीमियम से छूट का फायदा भी देते हैं। यदि शुरुआत में ही कैंसर का पता चल जाता है तो भविष्य में प्रीमियम अदायगी से छूट मिल जाती है। क्लेम का भुगतान पिछले दावों और स्टेज तक पहुंच जाता है तो पॉलिसी सुनिश्चित करती है कि आपको अतिरिक्त राशि मिले ताकि आप इलाज का खर्च उठा पाएं।
ब्रेस्ट कैंसर के इलाज में कुछ महीने से लेकर कुल साल तक लगते हैं। इसका खर्च परिवार के लिए बड़ा आर्थिक बोझ साबित हो सकता है। यदि आप पॉलिसी लेकर वित्तीय तैयारी रखते हैं तो संकट के समय बड़ी मदद मिल सकती है।
नोट: ये लेखक के निजी विचार हैं। इनके आधार पर निवेश से नुकसान के लिए दैनिक भास्कर जिम्मेदार नहीं होगा।
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