प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) के तहत चालू वित्त वर्ष के लिए तय 1.5 करोड़ कनेक्शनों का लक्ष्य 8 माह से भी कम अवधि के भीतर ही हासिल कर लिया गया है और यह योजना अब 35 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में क्रियान्वित की जा रही है।
देश में गरीब परिवारों को स्वच्छ रसोई ईंधन मुहैया कराने संबंधी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विजन को प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) के क्रियान्वयन के जरिए साकार किया जा रहा है। सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना (एसईसीसी) के आंकड़ों के जरिए चिन्हित बीपीएल परिवार की एक वयस्क महिला सदस्य को डिपॉजिट (जमानत राशि) मुक्त एलपीजी कनेक्शन दिया जाता है, जिसके लिए भारत सरकार की ओर से प्रति कनेक्शन 1600 रुपये की वित्तीय सहायता दी जाती है। केंद्रीय बजट में 8000 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ तीन वर्षों की अवधि के दौरान बीपीएल परिवारों को 5 करोड़ एलपीजी कनेक्शन जारी करने की घोषणा 29 फरवरी, 2016 को की गई थी। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 1 मई, 2016 को उत्तर प्रदेश के बलिया से पीएमयूवाई का शुभारंभ किया था।
इस योजना के क्रियान्वयन के लिए प्राथमिकता वाले राज्यों के रूप में राष्ट्रीय औसत से कम एलपीजी कवरेज वाले 14 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड एवं हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी राज्यों और सभी पूर्वोत्तर राज्यों की पहचान की गई है।
अधिकतम कनेक्शनों वाले शीर्ष 5 राज्य ये हैं:
1. उत्तर प्रदेश (46 लाख),
2. पश्चिम बंगाल (19 लाख),
3. बिहार (19 लाख),
4. मध्य प्रदेश (17 लाख) और
5. राजस्थान (14 लाख)।
अब तक जारी किये गये कुल कनेक्शनों में लगभग 75 फीसदी हिस्सा इन्हीं पांचों राज्यों का है। लाभार्थियों में बड़ी संख्या एससी/एसटी परिवारों की ही है। 35 फीसदी कनेक्शन इन्हीं परिवारों को जारी किये जा रहे हैं।
यह भी उल्लेखनीय है कि पीएमयूवाई के क्रियान्वयन के परिणामस्वरूप राष्ट्रीय एलपीजी कवरेज 61 फीसदी (1 जनवरी 2016 को) से बढ़कर 70 फीसदी (1 दिसंबर 2016 को) हो गई है।
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