-आर्थिक सुधारों के चलते भारत दुनिया में एफडीआई पाने वाले अव्वल देशों में शामिल हुआ.
- -नोटबंदी से अल्पावधि में नुकसान लेकिन लंबे वक्त में फायदा
- -2016-17 में सर्विस सेक्टर की ग्रोथ रेट 8.9 फीसदी रहने का अनुमान.
- -यूनिवर्सल बेसिक इनकम प्रपोजल (UBI) पर जीडीपी का 4-5 फीसदी खर्च होगा.
- -नोटबंदी से उपजी कैश की कमी अप्रैल 2017 तक दूर होने की उम्मीद.
- -तेल की कम कीमतों और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना से अर्थव्यवस्था को फायदा.
- -नोटबंदी के चलते मार्केट ब्याज दर कम रही.
- - वित्तीय घाटा जीडीपी का 3.5 फीसदी करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध.
- -2017-18 में जीडीपी विकास दर 6.5-7.5 फीसदी रहने का अनुमान
- - कृषि क्षेत्र की विकास दर 4.1 फीसदी रहने का अनुमान
- -सामाजिक न्याय और तेज तरक्की के लिए सुधारों पर जोर
- - 2016-17 में उद्योग क्षेत्र की विकास दर 5.2 फीसदी रहने का अनुमान
- - कपड़ा और चमड़ा उद्योग में तेजी के लिए लेबर और टैक्स नीति में सुधारों की सिफारिश
- -2016-17 के पहले हिस्से में में वित्तीय घाटा जीडीपी का 0.3 फीसदी
- -महंगाई दर लगातार तीसरे साल काबू में रही
- - 1983 से 2014 के बीच Gross State Domestic Product (GSDP) में सुधार
- -जीएसटी से आर्थिक फायदा मिलने में वक्त लगेगा
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